Saturday, December 27, 2014

Just rethink

~ ~ * बहाने Vs सफलता *~ ~
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1- मुझे उचित शिक्षा लेने का
अवसर नही मिला...

उचित शिक्षा का अवसर
फोर्ड मोटर्स के मालिक
हेनरी फोर्ड को भी नही मिला ।
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2- मै इतनी बार हार चूका ,
अब हिम्मत नही...

अब्राहम लिंकन 15 बार
चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने।
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3- मै अत्यंत गरीब घर से हूँ ...

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी
गरीब घर से थे ।
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4- बचपन से ही अस्वस्थ था...

आँस्कर विजेता अभिनेत्री
मरली मेटलिन भी बचपन से
बहरी व अस्वस्थ थी ।
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5 - मैने साइकिल पर घूमकर
आधी ज़िंदगी गुजारी है...

निरमा के करसन भाई पटेल ने भी
साइकिल पर निरमा बेचकर
आधी ज़िंदगी गुजारी ।
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6- एक दुर्घटना मे
अपाहिज होने के बाद
मेरी हिम्मत चली गयी...

प्रख्यात नृत्यांगना
सुधा चन्द्रन के पैर नकली है ।
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7- मुझे बचपन से मंद बुद्धि
कहा जाता है...

थामस अल्वा एडीसन को भी
बचपन से मंदबुद्धि कहा जता था।
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8- बचपन मे ही मेरे पिता का
देहाँत हो गया था...

प्रख्यात संगीतकार
ए.आर.रहमान के पिता का भी
देहांत बचपन मे हो गया था।
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9- मुझे बचपन से परिवार की
जिम्मेदारी उठानी पङी...

लता मंगेशकर को भी
बचपन से परिवार की जिम्मेदारी
उठानी पङी थी।
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10- मेरी लंबाई बहुत कम है...

सचिन तेंदुलकर की भी
लंबाई कम है।
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11- मै एक छोटी सी
नौकरी करता हूँ ,

इससे क्या होगा...
धीरु अंबानी भी
छोटी नौकरी करते थे।
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12- मेरी कम्पनी एक बार
दिवालिया हो चुकी है ,
अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा...

दुनिया की सबसे बङी
शीतल पेय निर्माता पेप्सी कोला भी
दो बार दिवालिया हो चुकी है ।
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13- मेरा दो बार नर्वस
ब्रेकडाउन हो चुका है ,
अब क्या कर पाउँगा...

डिज्नीलैंड बनाने के पहले
वाल्ट डिज्नी का तीन बार
नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था।
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14- मेरी उम्र बहुत ज्यादा है...

विश्व प्रसिद्ध केंटुकी फ्राइड चिकेन
के मालिक ने 60 साल की उम्र मे
पहला रेस्तरा खोला था।
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15- मेरे पास बहुमूल्य आइडिया है
पर लोग अस्वीकार कर देते है...

जेराँक्स फोटो कापी मशीन के
आईडिया को भी ढेरो कंपनियो ने
अस्वीकार किया था पर आज
परिणाम सामने है ।
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16- मेरे पास धन नही...
इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन
नारायणमूर्ति के पास भी धन नही था
उन्हे अपनी पत्नी के गहने बेचने पङे।
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17- मुझे ढेरो बीमारियां है..

वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख भी
अनेको बीमारियो मे थे |
राष्ट्रपति रुजवेल्ट के दोनो पैर
काम नही करते थे।
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आज आप जहाँ भी है
या कल जहाँ भी होगे
इसके लिए आप किसी और को
जिम्मेदार नही ठहरा सकते ,
इसलिए आज चुनाव करिये -
सफलता और सपने चाहिए
या खोखले बहाने ...

Tuesday, December 23, 2014

Mahabhatat valuable data

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -

1. युधिष्ठिर

2. भीम

3. अर्जुन

4. नकुल

5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण

भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु

उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त

पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन

की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव

की माता माद्री थी ।

वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..

कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -

1. दुर्योधन

2. दुःशासन

3. दुःसह

4. दुःशल

5. जलसंघ

6. सम

7. सह

8. विंद

9. अनुविंद

10. दुर्धर्ष

11. सुबाहु

12. दुषप्रधर्षण

13. दुर्मर्षण

14. दुर्मुख

15. दुष्कर्ण

16. विकर्ण

17. शल

18. सत्वान

19. सुलोचन

20. चित्र

21. उपचित्र

22. चित्राक्ष

23. चारुचित्र

24. शरासन

25. दुर्मद

26. दुर्विगाह

27. विवित्सु

28. विकटानन्द

29. ऊर्णनाभ

30. सुनाभ

31. नन्द

32. उपनन्द

33. चित्रबाण

34. चित्रवर्मा

35. सुवर्मा

36. दुर्विमोचन

37. अयोबाहु

38. महाबाहु

39. चित्रांग

40. चित्रकुण्डल

41. भीमवेग

42. भीमबल

43. बालाकि

44. बलवर्धन

45. उग्रायुध

46. सुषेण

47. कुण्डधर

48. महोदर

49. चित्रायुध

50. निषंगी

51. पाशी

52. वृन्दारक

53. दृढ़वर्मा

54. दृढ़क्षत्र

55. सोमकीर्ति

56. अनूदर

57. दढ़संघ

58. जरासंघ

59. सत्यसंघ

60. सद्सुवाक

61. उग्रश्रवा

62. उग्रसेन

63. सेनानी

64. दुष्पराजय

65. अपराजित

66. कुण्डशायी

67. विशालाक्ष

68. दुराधर

69. दृढ़हस्त

70. सुहस्त

71. वातवेग

72. सुवर्च

73. आदित्यकेतु

74. बह्वाशी

75. नागदत्त

76. उग्रशायी

77. कवचि

78. क्रथन

79. कुण्डी

80. भीमविक्र

81. धनुर्धर

82. वीरबाहु

83. अलोलुप

84. अभय

85. दृढ़कर्मा

86. दृढ़रथाश्रय

87. अनाधृष्य

88. कुण्डभेदी

89. विरवि

90. चित्रकुण्डल

91. प्रधम

92. अमाप्रमाथि

93. दीर्घरोमा

94. सुवीर्यवान

95. दीर्घबाहु

96. सुजात

97. कनकध्वज

98. कुण्डाशी

99. विरज

100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहन

भी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,

जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )
"श्री मद्-भगवत गीता"
के बारे में-

किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।

कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी

कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में

क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय

कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक

गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

गीता को अर्जुन के अलावा
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने

अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को

गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में

गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद

गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण ने- 574
अर्जुन ने- 85
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

uhh

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद

अधूरा ज्ञान खतरना होता है।
33 करोड नहीँ 33 कोटि देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ। कोटि = प्रकार। देवभाषा संस्कृत में
कोटि के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब
प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़
भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के
लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33
करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू
खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़
देवी देवता हैं........
कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मेँ:
12 प्रकार हैँ आदित्य: , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...! 8 प्रकार हैँ
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष
और प्रभाष। 11 प्रकार हैँ- रुद्र: ,हर,
बहुरुप,त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली। एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
कुल: 12+8+11+2=33
अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।

Monday, December 22, 2014

संतान प्राप्ती का अचुक उपाय -

संतान प्राप्ती का अचुक उपाय -
पुत्रदा एकादशी : १ जनवरी २०१५
मनुष्य कि पारिवारिक कल्पना पत्नी के बिना असंभव ही | ठिक इसी तऱ्ह परिवार कि कल्पना संतती के बिना कठीण दायी होती ही | नारी कि परिपूर्णता इसके अलावा संभव नहि | आपके यहा नन्हा बाल कृष्ण या वैष्णवी का आगमन जल्द हो ऐसी हम प्रार्थना करते है |
इस साल की प्रथम दिन ही परमपिता ने आपको संतति प्राप्ति के लिए अपने द्वार खोल दिए है | इस शुभ अवसर का आप अवश्य लाभ उठाये | इस शुभ दिन पति और पत्नी प्रातः सुचिभुत होकर शिव मंदिर जाये | अपने पूजा आसन पर पवित्रीकर, आचमन, दिग्बन्धन करे | फिर हाथ में जल लेकर सुपुत्र पुत्र प्राप्ति के लिए संकल्प ले | फिर शिव पिंड का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करे | चन्दन या भस्म चढ़ाये | एक सफ़ेद फुल अर्पण करे | उसके बाद १०८ बिल्वपत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: “ इस मंत्र के साथ शिव पिंड पर उल्टा अर्पण करते जाए | इस तरह सभी बिल्वपत्र अर्पण करेने के बाद शिवजी को भोग में प्रसाद चढ़ाये | और फिर आसन से उठाने से पहले फिर एक बार पहले जैसा संकल्प बोले और जल एवं अक्षता भूमि पर छोड़ दे | अंत में क्षमा प्रार्थना करे | और किसी अन्य से बिना बात किये सीधे अपने घर जाए | इस दिन आप पवित्रता पालन करे और व्रतस्थ रहे | इसके बाद सम तिथि या तारिख को आनंद्पुर्वक कृष्ण समान पुत्र की मनोकामना करके शिव-शक्ति को पार्थना करके समागम करे |
यह उपाय कही बार प्रत्यक्ष में सफल हुआ है | इसलिए संशयग्रस्त मन के साथ कदापि न करे | अपने मन में दृढ़ संकल्प करके इसकी सफलता के प्रति सचेत और आशावादी रहे | शिव-शक्ति और लक्ष्मी-नारायण की कृपा से आपके घर में भी एक नन्ही किलकारी अवश्य आएगी इसमें हमें संदेह नहीं |
आपकी कुंडली में यदि कालसर्प दोष, पितृ दोष या अन्य दोष हो तो इसकी प्रथम सफल मुक्ति परम आवश्यक है | अन्यथा किसी भी कार्य में यश की मात्र कम होती है |
- डॉ. सुहास रोकडे
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