Saturday, January 31, 2015

विश्वकर्मा जयंती विशेष - डॉ.सुहास

आज विश्वकर्मा जयंती: स्वर्ग लोक से लेकर द्वारिका तक के रचयिता

स्वर्ग लोक से लेकर द्वारिका तक का रचयिता भगवान विश्वकर्मा जी को माना जाता है और साथ ही यह भी कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा जी के पूजन से व्यापार में तरक्की होती है. भारत देश में विश्वकर्मा जयंती पूरे धूमधाम से मनाई जाती है और साथ ही विश्वकर्मा जयंती वाले दिन देश के विभिन्न राज्यों के औद्योगिक क्षेत्रों, फैक्ट्रियों, लोहे की दुकान, वाहन शोरूम, सर्विस सेंटर आदि में पूजा की जाती है. विश्वकर्मा जयंती के मौके पर मशीनों, औजारों की सफाई एवं रंगरोगन भी किया जाता है. इस दिन ज्यादातर कल-कारखाने बंद रहते हैं और लोग हर्षोल्लास के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं. हमारे धर्मशास्त्रों और ग्रंथों में विश्वकर्मा के पांच स्वरूपों और अवतारों का वर्णन प्राप्त होता है.

विश्वकर्मा पूजा

विराट विश्वकर्मा – सृष्टि के रचयिता

धर्मवंशी विश्वकर्मा – महान शिल्प विज्ञान विधाता प्रभात पुत्र

अंगिरावंशी विश्वकर्मा – आदि विज्ञान विधाता वसु पुत्र

सुधन्वा विश्वकर्म – महान शिल्पाचार्य विज्ञान जन्मदाता ऋषि अथवी के पुत्र

भृंगुवंशी विश्वकर्मा – उत्कृष्ट शिल्प विज्ञानाचार्य (शुक्राचार्य के पौत्र )

भगवान विश्वकर्मा जी को धातुओं का रचयिता कहा जाता है और साथ ही प्राचीन काल में जितनी राजधानियां थीं, प्राय: सभी विश्वकर्मा की ही बनाई हुई थीं. यहां तक कि सतयुग का 'स्वर्ग लोक', त्रेता युग की 'लंका', द्वापर की 'द्वारिका' और कलयुग का 'हस्तिनापुर' आदि विश्वकर्मा द्वारा ही रचित हैं. स्वर्ग लोक से लेकर कलयुग तक भगवान विश्वकर्मा जी की रचना को देखा जा सकता है.

भगवान विश्वकर्मा जी के जन्म से संबंधित एक कथा कही जाती है कि सृष्टि के प्रारंभ में सर्वप्रथम 'नारायण' अर्थात साक्षात विष्णु आविर्भूत हुए और उनकी नाभि-कमल से चर्तुमुख ब्रह्मा दिखाई दे रहे थे. ब्रह्मा के पुत्र 'धर्म' तथा धर्म के पुत्र 'वास्तुदेव' हुए. कहा जाता है कि धर्म की 'वस्तु' नामक स्त्री (जो दक्ष की कन्याओं में एक थी) से उत्पन्न 'वास्तु' सातवें पुत्र थे, जो शिल्पशास्त्र के आदि प्रवर्तक थे. उन्हीं वास्तुदेव की 'अंगिरसी' नामक पत्नी से विश्वकर्मा उत्पन्न हुए. पिता की भांति विश्वकर्मा भी वास्तुकला के अद्वितीय आचार्य बने.

भगवान विश्वकर्मा जी के अनेक रूप हैं और हर रूप की महिमा का अंत नहीं है.  दो बाहु, चार बाहु एवं दश बाहु तथा एक मुख, चार मुख एवं पंचमुख. भगवान विश्वकर्मा जी के  मनु, मय, त्वष्टा, शिल्पी एवं दैवज्ञ नामक पांच पुत्र हैं और साथ ही यह भी मान्यता है कि ये पांचों वास्तु शिल्प की अलग-अलग विधाओं में पारंगत हैं.

भगवान विश्वकर्मा जी का उपकार

भगवान विश्वकर्मा की महत्ता स्थापित करने वाली एक कथा भी है. कथा के अनुसार वाराणसी में धार्मिक व्यवहार से चलने वाला एक रथकार अपनी पत्नी के साथ रहता था और वो रथकार अपने कार्य में निपुण था, परंतु स्थान-स्थान पर घूम-घूम कर प्रयत्न करने पर भी भोजन से अधिक धन नहीं प्राप्त कर पाता था. पति की तरह पत्नी भी पुत्र न होने के कारण चिंतित रहती थी. पुत्र प्राप्ति के लिए वे साधु-संतों के यहां जाते थे, लेकिन यह इच्छा उसकी पूरी न हो सकी. पर अचानक तब एक पड़ोसी ब्राह्मण ने रथकार की पत्नी से कहा कि तुम भगवान विश्वकर्मा की शरण में जाओ, तुम्हारी इच्छा पूरी होगी और अमावस्या तिथि को व्रत कर भगवान विश्वकर्मा महात्म्य को सुनो. इसके बाद रथकार एवं उसकी पत्नी ने अमावस्या को भगवान विश्वकर्मा की पूजा की, जिससे उसे धन-धान्य और पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई और वे सुखी जीवन व्यतीत करने लगे. भगवान विश्वकर्मा की महिमा का कोई अंत नहीं है इसलिए आज भी संसार में लोग भगवान विश्वकर्मा का पूजन पूरे विश्वास के साथ करते हैं.

Tuesday, January 27, 2015

Wednesday, January 21, 2015

Wednesday, January 14, 2015

सुर्य उपासना विधी..आचार्य डॉ.सुहास

मकर संक्रांति पर इस प्रकार करें भगवान सूर्य की उपासना-  

- प्रात:काल स्नान कर भगवान सूर्य को जल से अघ्र्य दें तथा प्रणाम करें तथा नीचे लिखे शिव प्रोक्त सूर्याष्टक का पाठ करें-

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर मनोस्तु ते।।

सप्ताश्चरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्ममज्म।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम।।

लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यम् ।।

त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यम्।।

बृंहितं तेज:पुजं च वायु माकाशमेव च।
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।

बन्धूकपुष्पसंकाशं हारकुण्डलभूषितम्।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।

तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेज: प्रदीपनम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।

तं सूर्य जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणामाम्यहम्।।

मकर संक्रांत विशेष- डॉ सुहास

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गर्व से कहो हम हिंदु

अगर हिंदू धर्म बुरा है :-

(1) तो क्यो
"नासा-के-वैज्ञानीको"
       ने माना की
     🌞सूरज🌞
            से
       "⭕〽"
          " ॐ "
      " 🅾♏ "
की आवाज निकलती है? 🇮🇳

(2) क्यो 'अमेरिका' ने
    🇮🇳 "भारतीय - देशी - गौमुत्र" 🐄🐂 पर
            4 Patent लिया ,
व,
कैंसर और दूसरी बिमारियो के
लिये दवाईया बना रहा है ?
जबकी हम
       " 🐂 गौमुत्र 🐄 "
             का महत्व
हजारो साल पहले से जानते है, 🇮🇳

(3) क्यो अमेरिका के
'सेटन-हाल-यूनिवर्सिटी' मे
       📚 "गीता" 📔
📖 पढाई जा रही है? 🇮🇳

(4) क्यो इस्लामिक देश  'इंडोनेशिया'.       के Aeroplane का नाम
"भगवान नारायण के वाहन गरुड" के नाम पर  "Garuda Indonesia"  है, जिसमे  garuda  का symbol भी है? 🇮🇳

(5) क्यो इंडोनेशिया के
      रुपए पर 
"भगवान गणेश" 
  की फोटो है? 🇮🇳

(6) क्यो  'बराक-ओबामा'  हमेशा अपनी जेब मे
    "हनुमान-जी" 
की फोटो रखते है? 🇮🇳

(7) क्यो आज
         पूरी दुनिया 
😇 "योग-प्राणायाम" 🙏
      की दिवानी है? 🇮🇳

(8) क्यो 
🇮🇳🚩"भारतीय-हिंदू-वैज्ञानीको"🚩🇮🇳
                           ने
            ' हजारो साल पहले ही ' 
                  बता दिया  की
            🌏 धरती गोल है ? 🌍
                         🇮🇳

(9) क्यो जर्मनी के Aeroplane का
    🇮🇳 संस्कृत-नाम 🇮🇳
  ✈"Luft-hansa"✈ 
                है ?
                🇮🇳

(10) क्यो हिंदुओ के नाम पर  'अफगानिस्थान'  के पर्वत का नाम
      "हिंदूकुश"  है? 🇮🇳

(11) क्यो हिंदुओ के नाम पर
      🇮🇳  हिंदी भाषा,
      🇮🇳  हिन्दुस्तान,
      🇮🇳  हिंद महासागर
      ये सभी नाम है?

(12) क्यो  'वियतनाम देश'  मे
   "Visnu-भगवान"  की
4000-साल पुरानी मूर्ति पाई
गई? 🇮🇳

(13) क्यो अमेरिकी-वैज्ञानीक
                 Haward ने,
            शोध के बाद माना -
                        की 
                    📣  🎧
🔔 "गायत्री मंत्र मे  " 110000 freq " 🔔
                  🔊 📢 📡
                   के कंपन है?
                         🇮🇳

(14) क्यो  'बागबत की बडी मस्जिद के इमाम' 
          ने
     📔"सत्यार्थ-प्रकाश" 📚
📖 पढने के बाद हिंदू-धर्म अपनाकर,
        "महेंद्रपाल आर्य"  बनकर,
हजारो मुस्लिमो को हिंदू बनाया,
       और वो कई-बार 
      'जाकिर-नाईक' से
  Debate के लिये कह चुके है,
मगर जाकिर की हिम्म्त नही हुइ, 🇮🇳

(15) अगर हिंदू-धर्म मे 
      🔥 "यज्ञ" 🔥
            करना
       अंधविश्वास है,
तो ,
क्यो  'भोपाल-गैस-कांड'   मे,
जो    "कुशवाह-परिवार"  एकमात्र बचा,
जो उस समय  🔥 यज्ञ 🔥  कर रहा था, 🇮🇳

(16) 'गोबर-पर-घी जलाने से'
🅾2⃣"१०-लाख-टन आक्सीजन गैस" 🅾2⃣
                      बनती है,
                        🇮🇳

(17) क्यो "Julia Roberts"
(American actress and producer)
                     ने
🇮🇳🚩🔔हिंदू-धर्म 🔔🚩🇮🇳
            अपनाया और
              वो हर रोज
           "🔔मंदिर🔔"
                जाती है,
                  🇮🇳

         🇮🇳 (18) 🇮🇳
               अगर 
🔔🚩"रामायण" 🚩🔔
              झूठा है,
तो क्यो दुनियाभर मे केवल
            "राम-सेतू"
के ही पत्थर आज भी तैरते है?
                🇮🇳

(19) अगर  "महाभारत"  झूठा है,
तो क्यो भीम के पुत्र ,
       ''घटोत्कच''
का विशालकाय कंकाल,
      वर्ष 2007 में
'नेशनल-जिओग्राफी' की टीम ने,
'भारतीय-सेना की सहायता से'
उत्तर-भारत के इलाके में खोजा? 🇮🇳

(20) क्यो अमेरिका के सैनिकों को,
अफगानिस्तान (कंधार) की एक
गुफा में ,
5000 साल पहले का,
महाभारत-के-समय-का
       "विमान"  
      मिला है? 🇮🇳

ये जानकारिया आप खुद google मे search कर
सकते है . .....
Plz aapke sabhi group me send kare plz

हनुमान चालीसा में एक श्लोक है:-
जुग (युग) सहस्त्र जोजन (योजन) पर भानु |
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ||
अर्थात हनुमानजी ने
एक युग सहस्त्र योजन दूरी पर
स्थित भानु अर्थात सूर्य को
मीठा फल समझ के खा लिया था |

1 युग = 12000 वर्ष
1 सहस्त्र = 1000
1 योजन = 8 मील

युग x सहस्त्र x योजन = पर भानु
12000 x 1000 x 8 मील = 96000000 मील

1 मील = 1.6 किमी
96000000 x 1.6 = 1536000000 किमी

अर्थात हनुमान चालीसा के अनुसार
सूर्य पृथ्वी से 1536000000 किमी  की दूरी पर है |
NASA के अनुसार भी सूर्य पृथ्वी से बिलकुल इतनी ही दूरी पर है|

इससे पता चलता है की हमारा पौराणिक साहित्य कितना सटीक एवं वैज्ञानिक है ,
इसके बावजूद इनको बहुत कम महत्व दिया जाता है |

भारत के प्राचीन साहित्य की सत्यता को प्रमाणित करने वाली ये जानकारी अवश्य शेयर करें |
....

Friday, January 2, 2015

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